अयोध्या मामला में कल बंद दरवाजों के पीछे होगी जजों की बैठक

अयोध्या मामला में कल बंद दरवाजों के पीछे होगी जजों की बैठक


अयोध्या की विवादित भूमि को लेकर सुप्रीम कोर्ट में 6 अगस्त से चल रही सुनवाई बुधवार को पूरी हो गई है। अब सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ गुरुवार को फिर से एकत्रित होगी। सूत्रों के हवाले से खबर मिली है कि पांच जजों की ये बेंच गुरुवार को चेंबर में बैठेगी।


बंद दरवाजे के पीछे होने वाली इस बैठक में सुप्रीम कोर्ट मध्यस्थता पैनल की रिपोर्ट को लेकर आगे के रास्ते पर विचार करेंगे। वहीं कोर्ट सुन्नी वक्फ बोर्ड के दावा वापस लेने पर भी सुप्रीम कोर्ट चर्चा कर सकता है। इस बैठक में जज इस बात पर भी चर्चा करेंगे कि क्या मध्यस्थता पैनल की रिपोर्ट की सामग्री सार्वजनिक करने की जरूरत है या नहीं।


चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के सितंबर, 2010 के फैसले के खिलाफ दायर अपीलों पर छह अगस्त से रोजाना 40 दिन तक सुनवाई की। इस दौरान विभिन्न पक्षों ने अपनी-अपनी दलीलें पेश कीं।


संविधान पीठ ने इस मामले में सुनवाई पूरी करते हुए संबंधित पक्षों को 'मोल्डिंग ऑफ रिलीफ' (राहत में बदलाव) के मुद्दे पर लिखित दलील दाखिल करने के लिए तीन दिन का समय दिया। संविधान पीठ के अन्य सदस्यों में न्यायमूर्ति एस ए बोबडे, न्यायमूर्ति धनन्जय वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति एस अब्दुल नजीर भी शामिल हैं।


सूत्रों के मुताबिक मध्यस्थता पैनल ने भी अपनी रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट को सौंप दी है। इसमें एक बड़ी ख़बर सामने आ रही है कि सुन्नी वक्फ़ बोर्ड सरकार को जमीन देने को तैयार हो गया है। साथ ही वक्फ बोर्ड दूसरी जगह मस्जिद बनाने के लिए भी तैयार है।