भड़काऊ भाषण के लिए कोई भी 'फैज़ुल हसन' को दोषी नहीं ठहरा रहा है.
कोई भी भारत विरोधी भाषण के लिए 'शारजील इमाम' को दोषी नहीं ठहरा रहा है.
भड़काऊ भाषण के लिए कोई भी 'अमानतुल्लाह खान' को दोषी नहीं ठहरा रहा है.
कोई भी फर्जी प्रचार के लिए 'मनीष सिसोदिया' को दोषी नहीं ठहरा रहा है.
भड़काऊ बयान के लिए कोई भी 'वारिस पठान' को दोषी नहीं ठहरा रहा है.
भीड़ जुटाने के लिए कोई भी 'मिर्ची सईमा' को दोषी नहीं ठहरा रहा है.
कोई भी नफरत फैलाने के लिए 'प्रियंका वाड्रा' को दोषी नहीं ठहरा रहा है.
कोई भी नफ़रत फैलाने वाले बयानों और भड़काऊ तकरीरों के लिए उन मौलानाओं उलेमाओं को दोषी नहीं ठहरा रहा है.
बस सेकुलर लिब्रांडूओं, दरबारी मीडिया और दोगले नेताओं का एक समूह 'कपिल मिश्रा' पर आरोप लगा रहा है जो सीएए विरोध प्रदर्शनों के नाम पर सड़कों पर अवैध कब्जे के खिलाफ शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे हैं.
कपिल मीश्रा जी के साथ हमसब मीलकर कपील मीश्रा जी का समर्थन करें वारे गोतम गंभीर ऐसा लग रहा है जैसे तुझे सांसद शाहीनबाग की प्रदसन कारी महिला और मुला लोग बनाये हैं । हिन्दुओं और मोदी जी की कृपा से सांसद बना है । और हिन्दुतव की रखछा करनेवाले हिन्दुओं के पखछ मैं बोलने वाले कपिल मीश्रा जी आपको गलत नजर आ रहे हैं । गोतम गंभीर को सख्त सजा देनी चाहिए । ईसने एकबार भी साहीन बाग ऐवम दील्ली मैं उपद्रवी मचाने वाली भीड़ के खीलाफ ऐक सब्द नहीं कहा । ईतने छोटे छोटे मुस्लिम के बच्चे तक हमारे प्रधानमंत्री को कया कया कहे हैं शाहीनबाग मैं वह गोतम गंभीर को नजर नहीं आ रहा है । गोतम गंभीर उस समय लग रहा है ।