मेरठ वालों के लिए.. हास्य कविता
"पुलिस खड़ी है डगर डगर।
आ मत जाना शास्त्रीनगर ।"
"लठ सज़ा रखे हैं हर एक मोड़ पर।
निकलो तो सही गढ़रोड पर।"
लाल कर देंगे पिछवाड़ा
गलती से आ मत जाना जट्टी वाड़ा।"
"शरीर का छुटा देंगे सारा जंग
गर तुम आये सोतीगंज"
बदन से निकलेगी आग।
आ मत जाना गांधी बाग।।
दो लाइन और
सुजा देंगे पूरा का पूरा
आ मत जाना मालपूड़ा
मार मार के कर तोड़ देंगे हड्डे
जो तुम पधारे हापुड़ अड्डे ।
घर वाला भी ना पहचान पाएगा
अगर अब तू बेगम पुल आएगा
अरे अभी तो ये भी है
उतार देंगे सारी दादागिरी,
आ मत जाना तेजगढ़ी
उड़ा देंगे सारी पापा की परी,
हर चौराहे पर है पुलिस खड़ी
लंगड़ाते जाओगे अपने घर की डगर
आ कर तो देखो ट्रांस्पोर्टनगर।
तोड़ देंगे शारीर का कोना कोना
जहाँ दिख गए बाबू सोना
जिसको भी खाना हो पुलिस का पेड़ा
आ कर दिखाओ कंकर खेड़ा
सिर्फ मेरठ वालों के लिए