मंदिर, मस्जिद ,चर्च ,गुरुद्वारे
बंद हो गए है सारे के सारे
कोरोना की बात ही निराली
धर्मालय हो गए है सब खाली
अब शराब की दुकाने खुलेगी
सरकार का वह खज़ाना भरेगी
रोटी से पहले क्या शराब जरूरी
वाह री ,सरकार तेरी मजबूरी
कुछ तो शर्म कर लेते आक़ा
बिगाड़ रहे हो समाज का ख़ाका
कुर्सी आज है कल चली जायेगी
जनता तुम्हे माफ़ न कर पायेंगी।
----सचिन भारती
मंदिर, मस्जिद ,चर्च ,गुरुद्वारे